एसिडिटी से जुडी बीमारियां एवं इनका इलाज | Disease caused due to Acidity

एसिडिटी से जुडी बीमारियां: आजकल की जीवनशैली बहुत अलग हो गई है। हम अपने आहार और व्यवहार में बदलाव कर रहे हैं। ये बदलाव दिन प्रतिदिन हमारी ज़िन्दगी को अधिक सुखद बनाने के लिए किए जाते हैं, लेकिन कभी-कभी इन बदलावों के साथ हमें ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक होती हैं। इसमें से एक समस्या है एसिडिटी।

एसिडिटी एक ऐसी समस्या है जिसमें पेट में जलन, तीव्र पेट दर्द, ऊँची गैस, उलटी आदि का सामना करना पड़ता है। एसिडिटी की वजह से हमारी ज़िन्दगी पूरी तरह से असुविधाजनक हो जाती है। यह समस्या आमतौर पर भोजन के बाद होती है जब पाचन तंत्र कमज़ोर होता है और पेट में अधिक एसिड उत्पन्न होता है।

एसिडिटी की समस्या आजकल बहुत से लोगों को परेशान कर रही है। ये समस्या विभिन्न कारणों से हो सकती है जैसे अधिक मसालेदार खाने का सेवन, अधिक तली हुई चीजें खाना, ऊँची गैस वाले खाद्य पदार्थ खाना इत्यादि।

इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे एसिडिटी से जुडी बिमारियों के बारे में एवं एसिडिटी से बचने के कुछ आसान उपायों के बारे में। एसिडिटी से होने वाली बीमारियां एवं परेशानियां निम्नलिखित है:

  • पेट का अल्सर
  • गेस्ट्रोओसोफेजियल रिफ्लक्स रोग
  • गैस्ट्राइटिस की समस्या
  • ब्लोटिंग की समस्या
  • एसोफेजिटिस
acidity se judi bimariyan

पेट का अल्सर

पेट का अल्सर एक ऐसी समस्या है जिससे बहुत से लोग पीड़ित होते हैं। यह समस्या खुराक नियंत्रण न होने के कारण होती है। इसमें पेट में एसिडिटी बढ़ जाती है और ये अल्सर का कारण बनती है। अल्सर के कारण शरीर की कुछ महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।

पेट का अल्सर एक ऐसी समस्या है जिसमें पेट की वाल्व की स्थिति खराब होती है और पेट के अंदर एसिड बनता है। यह एसिड पेट के दीवारों को नुकसान पहुंचाता है और इससे आपको तकलीफ होती है। यह समस्या भोजन खाने के बाद या रात में ज्यादा होती है।

इस समस्या के लक्षणों में पेट में दर्द, अपच, उलटी या ठंड महसूस करना शामिल होता है। इसके इलाज के लिए दवाइयों और बदलते भोजन आदतों का सहारा लेना आवश्यक होता है।

आपको अपनी खान-पान आदतों को ध्यान में रखना चाहिए। तले हुए और तीखे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जैसे कि चिप्स, फ्राइड राइस आदि। इसके अलावा, खाने के बाद लेटने से बचना चाहिए और अधिक पानी पीना चाहिए। आपको अपनी खान-पान को स्वस्थ बनाए रखना चाहिए।

गेस्ट्रोओसोफेजियल रिफ्लक्स रोग

गेस्ट्रोओसोफेजियल रिफ्लक्स रोग एक अधिकतम खाने के बाद आमतौर पर होने वाली एक समस्या है। इस रोग में, खाने के बाद भोजन की वस्तु वापस गले में जा सकती है और इससे पेट में एसिड उत्पन्न हो सकता है। इस तरह के अस्वास्थ्यकर स्थिति को जनता में ‘अपच’ भी कहा जाता है।

गेस्ट्रोओसोफेजियल रिफ्लक्स रोग के लक्षणों में खाने के बाद तुरंत जलन और एसिडिटी शामिल हो सकते हैं। यदि रोग लंबे समय तक बना रहता है तो अधिक गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि थकान, सुखी और तेज नज़र आना, गुर्दे की समस्याएं, नींद न आना आदि।

यह रोग बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकता है। यदि आप इस रोग से पीड़ित हैं, तो आपको दैनिक जीवन में कुछ सावधानियां बरतनी होंगी। अधिक खाने से बचें और भोजन के समय ध्यान से खाएँ। खाने के बाद लेटने से बचें और उठने के बाद ठीक से पदार्थ निगलने के लिए कुछ समय दें।

गैस्ट्राइटिस की समस्या

स्ट्राइटिस का मतलब होता है पेट की सूजन जो आमतौर पर पेट की दीवार में घटित होती है। यह आम बीमारी होती है जो अक्सर बड़ी उम्र के लोगों में देखी जाती है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।

गैस्ट्राइटिस के कारणों में शामिल हैं तंदुरुस्ती की कमी, जीभ के रस की उत्पत्ति में देरी, तली हुई या तीखी चीजों का सेवन, अधिक शराब या नशीली दवाओं का सेवन और धूम्रपान जैसी बुरी आदतें।

गैस्ट्राइटिस के लक्षणों में शामिल हैं पेट में दर्द या उबदाई, भूख कम लगना, भारीपन या पेट का फूलना, उलटी, जी मिचलाना, पेट में गैस या बदबू, एसिडिटी और अपचन।

गैस्ट्राइटिस के उपचार में शामिल हो सकते हैं दवाईयाँ, जैसे एंटीबायोटिक, पेप्टिक उल्सर के लिए दवाईयाँ, एंटासिड्स और पेप्टिक एंजाइम। साथ ही आप अपने खान-पान को संशोधित कर सकते हैं।

ब्लोटिंग की समस्या

ब्लोटिंग की समस्या एक ऐसी समस्या है जो बहुत से लोगों को होती है। यह समस्या आमतौर पर पेट में गैस की वजह से होती है। ब्लोटिंग के कारण शरीर का आकार बढ़ जाता है जो देखने में असुविधा पैदा करता है। यह समस्या खाने-पीने की गलत आदतों और व्यायाम की कमी से भी हो सकती है।

ब्लोटिंग की समस्या के कुछ लक्षण हैं, जिनमें पेट में अहसास की भारी परत, भूख न होना, पेट फूलने की भावना, गैस, डिजेशन की समस्या आदि शामिल हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स का उपयोग कर सकते हैं।

  1. प्रतिदिन कम से कम आठ गिलास पानी पिएं।
  2. बड़े भोजनों के बजाय छोटे-छोटे भोजन खाएं।
  3. फास्ट फूड और तले हुए खाने से बचें।
  4. तंदुरुस्त और खाने के साथ पानी कम न पिएं।
  5. नाश्ते में फल खाएं और आहार में फाइबर का उपयोग करें।
  6. आपके लिए अच्छी गति वाले व्यायाम करें।
  7. नाश्ते के बाद बैठने से बचें।

एसोफेजिटिस

एसोफेजिटिस एक आम समस्या है जो शोथ, सूजन, और दर्द के कारण अन्तःगले के ऊपरी हिस्से में होती है। यह अन्नदाता नली या एसोफेगस में सूजन और इंफ्लेमेशन के कारण होता है।

एसोफेजिटिस के कई कारण हो सकते हैं। एक आम कारण एसोफेगस में एसिड का उच्छार होना है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स रोग (GERD) के कारण हो सकता है। इसके अलावा, एल्कोहल या अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन भी एसोफेजिटिस का कारण बन सकता है।

एसोफेजिटिस के लक्षण बहुत से होते हैं, जिनमें अन्तःगले में दर्द, असहनशीलता, गले में जलन, उबकाई, थकान और सूजन शामिल हो सकते हैं। यदि ये लक्षण अधिक समय तक रहते हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

एसोफेजिटिस का उपचार विभिन्न हो सकता है और इसे उत्पन्न करने वाले कारण के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।


यदि आप एसिडिटी से होने वाली इन परेशानियों से बचना चाहते है तो निम्नलिखित बातों का नियमित पालन करें:

  • पेट को खाली न रखें, नियमित खाने के समय खाएं।
  • चाय, कॉफी, अल्कोहल, अधिक मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचें।
  • नींबू पानी, नारियल पानी, कोकोनट वाटर जैसे शीतल पेय पिएं।
  • भोजन करने के बाद खाने के बाद ठीक से बैठें और दो घंटे तक न सोएं।
  • खाने के बाद एक चम्मच अदरक का रस या शहद में नींबू निचोड़कर पिएं।
  • बार-बार छोटे भोजन करें और थोड़े-थोड़े अंतराल में खाएं।
  • खाने के बाद सैलिसिलिक एसिड का उपयोग न करें।
  • एसिडिटी से बचने के लिए व्यायाम करें।
  • अधिक पानी पिएं और सिगरेट या तंबाकू का सेवन न करें।

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