आँखें इंसान के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। आँखों के बिना हम कुछ भी देख नहीं सकते और जीवन का सफर असम्भव हो जाता है। इसलिए अगर हमारी आँखों की रौशनी कम होती है, तो हमारे लिए यह बहुत ही बड़ी समस्या बन जाती है।
आँखों की रौशनी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है। हमारी आँखें हमें दुनिया को देखने की शक्ति प्रदान करती हैं। इसलिए, जब आँखों की रौशनी कम होती है, तो यह बहुत ही अस्थिर और बेचैनी भरी स्थिति होती है। आँखों की रौशनी घटने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ आम हैं, जबकि कुछ गंभीर हो सकते हैं।
इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे आँखों की रौशनी के बारे में एवं इसे ठीक करने के उपाय के बारे में।

हमारी आँखों की रौशनी घटने के कुछ मुख्य कारण होते है इनमे से कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
हमारी बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र के साथ, आँखों की रौशनी कम होने का कारण अक्सर उम्र संबंधी मुद्दों से होता है। इसमें जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आँखों के सम्बन्धित जीवाणुओं और ऊतकों की संख्या और कार्यक्षमता में कमी होती है। इससे नज़र अंधा पन, दृष्टिशक्ति कम होना और अन्य आंखों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि उम्र से जुड़े मेडिकल मुद्दे, जैसे कि शुगर, हाइपरटेंशन, थायराइड रोग आदि जो रक्त परिसंचार को प्रभावित करते हैं और आँखों की सेहत को बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।
अतः, आपको अपने डॉक्टर से जांच करवाना चाहिए यदि आपको किसी भी तरह की आंखों संबंधित समस्या हो रही है। आपके डॉक्टर आपके समस्या का पता लगाने के लिए विभिन्न टेस्ट और जांच कर सकते हैं और उपयुक्त उपचार का सुझाव दे सकते हैं।
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डायबिटीज (मधुमेह की समस्या)
डायबिटीज (मधुमेह) से आँखों की रौशनी कम होने की सम्भावना होती है। यह आँखों की रोशनी को कम करने वाली कुछ अलग-अलग समस्याओं के कारण होता है, जो मधुमेह से जुड़े होते हैं।
डायबिटीज में, उच्च रक्त शर्करा स्तर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है जो आँखों की रोशनी को पोषण करते हैं। इसके अलावा, मधुमेह रोगियों में नसों में रक्त का दबाव बढ़ सकता है जो भी आँखों की रोशनी को कम करता है।
डायबिटीज से आँखों की समस्याओं में से दो सबसे आम समस्याएं होती हैं:
- डायबिटीज रेटिनोपैथी: जो आँखों की रेटिना को प्रभावित करती है। यह रोशनी कम करने के साथ-साथ दृष्टि को भी प्रभावित करती है।
- ग्लॉकोमा: जो आँखों में दबाव का बढ़ना और रोशनी कम होने के बाद भी दृष्टि को प्रभावित करती है।
इन समस्याओं से बचने के लिए आपको अपने डॉक्टर से रेगुलर चेकअप करवाना चाहिए और डायबिटीज को संभालने के लिए अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए। संतुलित आहार, व्यायाम, दवाओं का समय पर सेवन और नियमित चेकअप आपकी आँखों की स्वस्थता को सुनिश्चित कर सकते हैं।
अधिक उज्ज्वलता
अधिक उज्ज्वलता से आंखों को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है। जब हम बहुत उज्ज्वलता में काम करते हैं, तो आंखों के लिए नुकसानकारक ब्लू लाइट के उत्सर्जन का खतरा बढ़ जाता है जो लम्बे समय तक उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, उज्ज्वलता से आंखों में दर्द, अच्छाई कम होना, लालिमा, सूखापन और आँखों में खुजली आदि भी हो सकती हैं।
यदि आपको लंबे समय तक उज्ज्वलता में काम करना होता है, तो आपको अपनी आंखों की रक्षा के लिए कुछ उपाय अपनाने चाहिए, जैसे कि:
- सही लाइटिंग – आपको एक ऐसे कमरे में काम करना चाहिए जहां पर्याप्त उज्ज्वलता होती है और आपकी आंखों पर न कम न ज्यादा उज्ज्वलता पड़ती हो।
- आराम दें – अपनी आंखों को नियमित अंतराल पर आराम दें। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठकर काम करने से आंखों को अस्थिर होने का खतरा बढ़ता है।
- ब्लू लाइट फ़िल्टर का इस्तेमाल करें – अधिक उज्ज्वलता वाले स्क्रीनों पर काम करने से पहले, अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर ब्लू लाइट फ़िल्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह फ़िल्टर ब्लू लाइट के नुकसानकारक प्रभावों को कम करता है।
- आंखों को तराशें – आंखों को तराशने वाले आसनों का अभ्यास कर सकते हैं। इससे आंखों की मांसपेशियों का दबाव कम होता है और आंखों को शांति मिलती है।
- आंखों की सफाई करें – अपनी आंखों को नियमित रूप से साफ करें और उन्हें नमी दें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं – आपके शरीर में पानी की कमी होने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं।
आँखों के कुछ रोग
कुछ आंखों के रोग जैसे मोतियाबिंद, ग्लॉकोमा आँखों की रोशनी कम होने का कारण बन सकते हैं। मोतियाबिंद और ग्लॉकोमा जैसे आंखों के रोग आपकी नैत्रिक अवस्था के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
मोतियाबिंद एक ऐसा रोग है जो आपकी आंख के ऊतक (लेंस) के ऊपर की तरफ फैल जाता है और इससे आपकी दृष्टि कमजोर हो जाती है। इस रोग का प्रमुख कारण आयु, डायबिटीज़, विटामिन डी की कमी, धूप में लम्बे समय तक रहना और आंखों की थकान होती है।
वहीं, ग्लॉकोमा एक रोग है जो आपकी आंख की पेशीयों के बढ़ते दबाव के कारण होता है। इससे आपकी आंख की रोशनी कम हो जाती है और अंततः आपकी दृष्टि कमजोर होती है। इस रोग का प्रमुख कारण आयु, उच्च रक्तचाप, अनियमित खानपान, सिगरेट धूम्रपान, आंख की गंदगी आदि होते हैं।
इन दोनों रोगों के लिए समय रहते इलाज कराना बेहद आवश्यक होता है, क्योंकि इन रोगों के संक्रमण से आपकी दृष्टि सम्पूर्ण रूप से हानि हो सकती है।
आँखों की रौशनी बढ़ाने के ये कुछ बेहतरीन उपाय
आंखों की रौशनी बढ़ाने के लिए निम्नलिखित बेहतरीन उपाय हैं:
- सही खानपान: सही खानपान आंखों के स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है। अपने आहार में विटामिन ए, सी, ई और ऑमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करने से आपकी आंखों की रौशनी मजबूत होती है।
- आँखों की व्यायाम: नियमित रूप से आँखों की व्यायाम करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है। इसके लिए आप अपनी आंखों को बाईं ओर, दाईं ओर, ऊपर और नीचे घुमाएं या फिर अपनी आंखों को बंद करके घुमाएं।
- अच्छी नींद लेना: अच्छी नींद लेना आंखों के लिए बेहद जरूरी होता है। अगर आप सुषुप्ति पूर्ण नहीं करते हैं तो इससे आपकी आंखों की रौशनी कम हो सकती है।
- धूप से बचें: अधिक धूप में रहना आपकी आंखों के लिए हानिकारक होता है। अपनी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आप धूप से बचें।
- स्क्रीन टाइम को कम करें: अधिक स्क्रीन टाइम आपकी आंखों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। अधिक समय तक स्क्रीन के सामने बैठकर काम करने से आपकी आंखों की रौशनी कम हो सकती है। इसलिए अपने स्क्रीन टाइम को कम करने का प्रयास करें। अगर आपको लंबे समय तक कंप्यूटर का इस्तेमाल करना होता है तो आप नियमित अवश्यक ब्रेक लेते रहें जिससे आपकी आंखों को आराम मिलता है।
- आंखों को आराम दें: नियमित रूप से अपनी आंखों को आराम दें। लंबे समय तक आंखों को दूरबीन या स्क्रीन के सामने रखने से आपकी आंखों की रौशनी कम हो सकती है। इसलिए नियमित रूप से आंखों को आराम दें।