ह्रदय रोग (Heart Attack) क्या है (Symptoms in Hindi) – लक्षण, कारण, जाँच, प्रकार एवं उपचार

हार्ट डिजीज (दिल की बीमारी) एक काफी सामान्य रूप से होने वाली बीमारी है | WHO के रिपोर्ट के अनुसार हार्ट डिजीज विश्व स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है | यह हर साल अनुमानित 17.9 मिलियन लोगों की जान लेता है। जिनमे से 75 % लोग मध्यम या निम्न आय वर्ग वाले लोग (परिवार) शामिल है |  Centers for Disease Control and Prevention (CDC) के अनुसार यू.एस. (U.S.) में लगभग 4 में से 1 मृत्यु हृदय रोग के कारण होती है|

इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे ह्रदय रोग (cardiovascular disease) के बारे में – ये क्या होता है, इसके लक्षण, प्रकार एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारी|

ह्रदय रोग (Cardiovascular Disease) क्या होता है | Heart disease in Hindi

ह्रदय हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो पुरे शरीर में रक्त संचार को नियंत्रित करता है| ह्रदय रोग (heart disease) एक ऐसा प्रकार का रोग होता है जिसमे आपके हृदय और रक्त वाहिकाओं पर प्रभाव पड़ता है और वो सामान्य तरीके से काम करना बंद कर देता है | ह्रदय रोग जिसे आम तौर पर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (cardiovascular disease) भी कहा जाता है | जिस भी इंसान को हार्ट डिजीज होती है उनमे हृदय, अन्य अंगों या उनके पूरे शरीर में रक्त वाहिकाएं संकुचित होने लगता है और आपका हार्ट वाल्व काम करना बंद कर देता है | 

हार्ट डिजीज में आम तौर पर हमारे आर्टरीज, ऑक्सीजन युक्त रक्त सप्लाई करना बंद या कम कर देता है | इसके होने का प्रमुख कारण उच्च रक्तचाप, असंतुलित आहार, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, वायु प्रदूषण, मोटापा एवं अन्य कारण हो सकते हैं | 

यदि आप हार्ट डिजीज से ग्रसित हैं तो जीवनशैली में बदलाव और उचित दवाएं आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है।

ह्रदय रोग (दिल की बीमारी) के लक्षण | Symptoms of Heart Disease in Hindi

🔥 यदि आपको ह्रदय रोग है तो उसे पहचानने के क्या संकेत हो सकतें है ? आम तौर पर आपको निम्नलिखित में से कुछ संकेत आपको दिखाई दे सकतें है:

  • सीने में दर्द रहना या जकड़न सा महसूस होना, या आपको सीने में दबाव, भारीपन  या तकलीफ महसूस होना|
  • बार-बार पसीना आना|  
  • कमजोरी महसूस होना या साँस लेने में तकलीफ होना|
  • पेट में दर्द रहना या अपच होना (खाना पचने में तकलीफ)|
  • पैर के निचले हिस्से में सूजन रहना, यह एक संकेत होता है की हमारा हार्ट सही तरीके से काम नहीं कर रहा है| 
  • खांसी या गले में घरघराहट रहना|

ह्रदय रोग (heart disease) होने के कारण ?

ह्रदय रोग होने के कुछ महत्वपूर्ण कारण जो आपको हमेशा ध्यान में रखने चाहिए :

  • अधिक धूम्रपान करना|
  • ब्लड प्रेशर का बढ़ना| 
  • अधिक चिंता करना और नियमित रूप से व्यायाम न करना|
  • मधुमेह (डायबिटीज) भी हो सकता है कारण|
  • कोलेस्ट्रॉल या वजन का बढ़ना|
  • परिवार में पहले से किसी को हार्ट डिजीज रहना (Genetic Disease)

 इसके अलावे और भी कुछ कारण हो सकते है जैसे – असंतुलित आहार लेना, उच्च तनाव वाले वातावरण में रहना इत्यादि|

ह्रदय रोग (heart disease) के भिन्न प्रकार | Types of heart disease in hindi

ह्रदय रोग के वैसे तो भिन्न प्रकार होते है लेकिन उनमे से कुछ कॉमन इस प्रकार हैं :

  1. Arrhythmia (अरहियथमिया) : Arrhythmia (अरहियथमिया) में आपको दिल का अनियमित रूप से धड़कना महसूस होता है | इस तरह के ह्रदय रोग में जब आप व्यायाम करते है तब आपका हार्ट रेट काफी तेजी से बढ़ता है ,और जब आप सो रहे होते है तब हार्ट रेट काफी स्थिर हो जाता है| 
  2. Valvular Disease (वाल्व डिजीज) : वाल्वुलर हृदय रोग (Valvular heart Disease) में आपके हार्ट का कोई वाल्व क्षतिग्रस्त हो जाता है और सही तरीके से काम नहीं करता है | 
  3. Coronary Artery Disease (कोरोनरी धमनी रोग) : कोरोनरी धमनी रोग में आपका रक्त वाहिकाएं (कोरोनरी धमनियां) जो की हृदय का एक प्रमुख भाग है, मांसपेशियों तक पर्याप्त रक्त एवं ऑक्सीजन नहीं पंहुचा पाता है | सरल भाषा में कहें तो आपके हार्ट में किसी प्रकार का ब्लॉकेज हो जाता है | 
  4. Heart Failure (हार्ट फेलियर) : हार्ट फेलियर के केस में आपका ह्रदय असामान्य रूप से काम करना शुरू कर देता है | यह एक गंभीर स्थिति है जिसमे आपका हार्ट (ह्रदय) रक्त को सही तरीके से पंप नहीं करता जितना उसे करना चाहिए |

ह्रदय रोग (heart disease) से बचने के उपाय | Prevention of Heart Disease in Hindi

यदि आप चाहते है की आपको कभी ह्रदय सम्बंधित रोग न हो तो आप इन नियमों का पालन कर सकतें है : 

  • धूम्रपान कम या बिलकुल न करें | 
  • पौष्टिक आहार लें जैसे की:
    • हरी पत्तियों वाली सब्जियां
    • जामुन
    • मछली एवं मछली का तेल
    • अखरोट
    • जैतून का तेल
  • ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल में रखें |
  • नियमित रूप से व्यायाम करें |
  • किसी भी बात का तनाव कम ले तथा अच्छी नींद लें| 

ह्रदय रोग (heart disease) diagnosis in hindi

हार्ट डिजीज (ह्रदय रोग) को सही तरीके से पता लगाने के लिए आपको कुछ जाँच कराने आवश्यक है | जाँच के रिपोर्ट को ही देख कर डॉक्टर सही-सही बता सकतें है की आपको हार्ट में क्या परेशानी है | 

निम्नलिखित कुछ जाँच जो आम तौर पर किये जाते है हार्ट सम्बंधित बिमारियों का पता लगाने के लिए : 

  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) : इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) एक बहुत ही सरल और तेज परीक्षण करने वाला जाँच है जिसमे मशीन के जरिये हमारे ह्रदय के इलेक्ट्रिकल सिग्नल (धड्कण) की गति का पता लगाया जाता है | यह एक दर्द रहित प्रक्रिया होती है जिसे हमारे डॉक्टर्स कराने की सलाह देतें है यदि हमारे सीने में दर्द रहता है या साँस लेने में कठिनाई होती है तो | इसकी कीमत आम तौर पर ₹ 200 से ₹ 500 तक आती है|*
  • हॉल्टेर मॉनिटरिंग (Holter Monitoring) : हॉल्टेर मॉनिटर एक तरह का पहने जाने वाला छोटा उपकरण होता है जिसे डॉक्टर्स परामर्श करते है अगर सामान्य ECG जाँच सही जानकारी नहीं दे पाता है| इस उपकरण को एक या दो दिनों के लिए पहनना पड़ता है जो आपके हार्ट बीट की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करते है | इसकी कीमत ₹ 2500 से ₹ 5000 तक भारत में आती है|*  
  • इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) : इकोकार्डियोग्राम एक जाँच प्रक्रिया है जिसमे हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेभ (अल्ट्रासाउंड) का इस्तेमाल करके ह्रदय (हार्ट) की एक तस्वीर बना लेता हैं| इस जाँच के जरिये डॉक्टर्स हमारे ह्रदय और ब्लड वेस्ल्स को अच्छे से देख और समझ पाते हैं| 
  • कार्डियक केथेराइजेशन: इस जाँच के जरिये हमे पता चलता है की हमारे हार्ट आर्टरीज में कहा ब्लॉकेज है| इस जाँच प्रक्रिया में एक लम्बा पतला सा नली हमारे ब्लड वेसल में घुसाया जाता है जिसके जरिये हमारे ह्रदय की एक तस्वीर हमे नजर आती है|

सवाल जवाब

क्या ठंढ के दिनों में हार्ट की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है?

ऐसा देखा गया है ठंढ के कारण हमारे वेसल्स सिकुड़ जातें है, जिसके चलते हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने की सम्भावना बढ़ जाती है| सर्दियों के दिनों में हमारे हार्ट को शरीर के तापमान को बरक़रार रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है जिससे खतरा काफी बढ़ जाता है|

इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है:

  • गर्म कपड़े पहनें
  • नियमित व्यायाम करें
  • अधिक पानी पियें

** रेट अलग-अलग हॉस्पिटल पर निर्भर करता है|

References: