ये होते है मानसिक तनाव के मुख्य कारण, कैसे करें समाधान? | Depression Causes & Treatment

डिप्रेशन समस्या भारत में एक बहुत बड़ी समस्या है। यह समस्या दुनिया भर में पाई जाती है और भारत में भी बहुत सारे लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। डिप्रेशन की समस्या आमतौर पर स्ट्रेस, दुख, जीवन में घटी घटनाओं, भावनात्मक दुख, और सामाजिक दबावों के कारण होती है।

भारत में डिप्रेशन की समस्या बहुत ही बढ़ रही है। लेकिन इस समस्या के बारे में सामान्य जनता में बहुत कम जागरूकता है। लोग इस समस्या को सिर्फ मनोरोग के रूप में देखते हैं, जिससे उन्हें इसकी गम्भीरता का अंदाजा नहीं होता।

डिप्रेशन के मरीजों के लिए सही उपचार बहुत जरूरी है। लेकिन भारत में उपचार की सुविधाएं बहुत ही कम हैं और लोग इस समस्या से जूझते हुए अकेले महसूस करते हैं।

इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे डिप्रेशन यानि मानसिक तनाव के बारे में, इसके मुख्य कारण एवं उपलब्ध उपचार।

डिप्रेशन (तनाव) होने के मुख्य कारण

आज के जीवन में हम सभी तनाव के शिकार होते हैं। तनाव के कारण हम निराश हो जाते हैं और अपने जीवन से प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता खो देते हैं। अगर तनाव लंबे समय तक बरकरार रहता है, तो इससे डिप्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। यह एक गंभीर मानसिक रोग है जो कि अपनी जांच-परख की जरूरत होती है। इसलिए, जानते हैं कि डिप्रेशन होने के मुख्य कारण क्या हैं।

  1. जीवन में असंतुलितता: असंतुलित जीवन शैली एक मुख्य कारण होता है जो डिप्रेशन को बढ़ावा देता है। कुछ लोग अपने काम-धंदे के लिए बहुत अधिक व्यस्त रहते हैं, जबकि कुछ अन्य व्यक्ति आलसी होते हैं। यह व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में संतुलितता की कमी उत्पन्न करता है जो आमतौर पर डिप्रेशन का कारण बनती है।
  2. जीवन की निराशा: बढ़ती असंतुलितता, जीवन में निराशा को बढ़ावा देती है जो डिप्रेशन का मुख्य कारण होती है। निराशा एक व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ उत्साह या आशा नहीं रहती है जो अपने आसपास के लोगों या घटनाओं को समझने और उनसे निपटने की क्षमता को कम कर देती है। निराशा से ग्रसित व्यक्ति को एक साधन या एक उद्देश्य की खोज करने में भी कठिनाई होती है।
  3. संबंधों में समस्या: व्यक्ति के रिश्तों में समस्याएं भी डिप्रेशन का मुख्य कारण होती हैं। संबंधों में बाधाएं और घटिया संबंध व्यक्ति को तनाव में डाल सकते हैं जो डिप्रेशन का कारण बन सकते हैं।
  4. उत्पादकता की कमी: अपनी उत्पादकता की कमी भी डिप्रेशन का मुख्य कारण हो सकती है। उत्पादकता की कमी का मतलब होता है कि व्यक्ति अपने काम को निरंतर नहीं कर पाता है, जो उसे निराश होने और अपने जीवन से असंतुलित महसूस कराता है।
  5. सेहत समस्याएं: कई बार सेहत समस्याएं भी डिप्रेशन का कारण बनती हैं। सेहत समस्याएं जैसे कि रोग, दर्द या रुग्णता व्यक्ति को निराश कर सकती हैं और उसकी उत्पादकता कम कर सकती हैं। इसलिए, सेहत समस्याओं को जल्द से जल्द निवारण करना चाहिए।

क्या है डिप्रेशन (तनाव) के लक्षण?

तनाव के लक्षण व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तरों पर प्रभाव डालते हैं। निम्नलिखित तनाव के आम लक्षण हैं:

  1. शारीरिक लक्षण: शारीरिक तनाव के लक्षण में से कुछ शामिल हैं जैसे सिरदर्द, अपातित्व, थकान, नींद ना आना, अपाचन, दर्द, अस्वस्थता, मुख्य तौर पर स्तंभन रोग और लंबे समय तक निरंतर अपने शरीर के दबाव के कारण बीमारी की संभावना।
  2. मानसिक लक्षण: मानसिक तनाव के लक्षणों में अधिकतर मनोवैज्ञानिक लक्षण शामिल होते हैं। ये लक्षण हैं: बेचैनी, चिंता, उत्सुकता, संशय, खुशी, दुख, अकेलापन, निराशा, असंतुष्टि, अभिव्यक्ति की क्षमता में कमी, अवसाद और तनाव।
  3. भावनात्मक लक्षण: तनाव के इस लक्षण के अंतर्गत अधिकतर भावनात्मक लक्षण शामिल होते हैं जैसे संदेह, आत्मविश्वास में कमी, उदासी, विवेक की क्षमता में कमी, आक्रोश, संशय और आत्महत्या की भावना।

डिप्रेशन (तनाव) के उपचार

ध्यान और योग से तनाव का इलाज

ध्यान और योग तनाव के इलाज में बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं। योग एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा आप अपने दिमाग को शांत और स्थिर कर सकते हैं। ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप एकाग्रता एवं ध्यान की अवस्था में पहुँचने के लिए अपनी भावनाओं, मन के विचारों, शरीर और सांस के अनुभवों का ध्यान रखते हुए बैठते हैं।

योग एवं ध्यान के अभ्यास से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। जब आप ध्यान करते हैं तो आप अपनी सोच और भावनाओं पर नियंत्रण पा लेते हैं जिससे आपका मन शांत और स्थिर होता है। ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जो शारीरिक और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करती है।

योगासनों के अभ्यास से आप अपने शरीर को आराम दे सकते हैं जिससे शारीरिक तनाव कम होता है। योग में अलग-अलग आसन होते हैं जो आपकी शारीरिक तबियत और संतुलन को सुधारते हैं। ध्यान एवं योग दोनों के अभ्यास से आप अपने दिमाग और शरीर को स्थिर रख

नियमित व्यायाम है जरूरी

तनाव में नियमित व्यायाम बहुत जरूरी है। व्यायाम करने से शरीर में एक ऐसी ताकत उत्पन्न होती है जो तनाव को कम करने में मदद करती है। व्यायाम से शरीर का ओकसीजन लेवल बढ़ता है जो मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करता है।

नियमित व्यायाम करने से शरीर का रक्त परिसंचार बढ़ता है जिससे तनाव कम होता है। अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए दिन में कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करना चाहिए। यह व्यायाम आसान हो सकता है जैसे कि चलना, धावा लगाना, साँस लेना या योग का अभ्यास करना।

व्यायाम करने से शरीर में एंडोर्फिन जैसे हार्मोन उत्पन्न होते हैं, जो तनाव को कम करने में मदद करते हैं। व्यायाम करने से शरीर का स्वस्थ बना रहता है जो तनाव के कारण होने वाली बीमारियों से बचाता है।

इसलिए, नियमित व्यायाम करना तनाव को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है।

मानसिक तनाव को कम करने के लिए स्वस्थ आहार

मानसिक तनाव को कम करने के लिए स्वस्थ आहार बहुत महत्वपूर्ण है। तनाव आपके शरीर और मस्तिष्क को एक अत्यधिक दबाव देता है, जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, स्वस्थ आहार खाना तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।

आपको स्वस्थ आहार के लिए अन्य खाद्य पदार्थों के साथ-साथ निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को भी शामिल करना चाहिए:

  1. फल और सब्जी: फल और सब्जियां स्वस्थ होती हैं और विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर होती हैं जो तनाव कम करने में मदद करते हैं।
  2. अखरोट और बीज: अखरोट और बीज स्वस्थ होते हैं और तनाव को कम करने में मदद करते हैं। इनमें आवश्यक तत्व जैसे कि मैग्नीशियम, विटामिन ई, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स और ऑमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं।
  3. पौष्टिक अनाज: भुने चने, मटर, ओट्स और राजमा जैसे पौष्टिक अनाजों में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो तनाव को कम करने में मदद करते हैं।

भरपूर नींद है आवश्यक

तनाव में भरपूर नींद लेना आवश्यक है। नींद आपके शरीर और मस्तिष्क के लिए आवश्यक होती है। यदि आप तनाव में हैं तो नींद न आना आम बात होती है जिससे आप अधिक तनाव महसूस करते हैं।

अधिक तनाव के कारण आपके शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है जो आपके शरीर को जागरूक रखने में मदद करता है, जिससे आपको नींद नहीं आती है। इसलिए तनाव से निपटने के लिए नींद को प्राथमिकता देना चाहिए।

इसके लिए आप निम्नलिखित टिप्स अपना सकते हैं:

  1. रोजाना नींद का समय निर्धारित करें और उसी समय सोएं।
  2. सोने से कुछ समय पहले अपने मोबाइल फोन और कंप्यूटर जैसे डिवाइस का इस्तेमाल बंद कर दें।
  3. सोने से पहले शांतिपूर्ण वातावरण तैयार करें जैसे कि धीमी लाइट और कम आवाज़ वाली संगीत।
  4. नींद के लिए सुगंधित तेलों का इस्तेमाल करें।
  5. रोजाना नियमित व्यायाम करें और समय से पहले रात्रि भोजन करें।

मनोचिकित्सा और काउंसलिंग का सहारा लें

तनाव में मनोचिकित्सा और काउंसलिंग का सहारा लेना बेहद उपयोगी होता है। मनोचिकित्सा और काउंसलिंग से आप तनाव से निपटने के लिए अनुशासन और नियंत्रण बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, यह आपको नई दृष्टिकोण और सोच के साथ संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करता है।

मनोचिकित्सा और काउंसलिंग से आप अपनी समस्याओं और चिंताओं को समझ सकते हैं और उनका समाधान तलाश सकते हैं। इसके लिए आप अपने नजदीकी मनोचिकित्सक या काउंसलर से मिल सकते हैं जो आपको अपनी समस्याओं का सामना करने में मदद करेंगे।

मनोचिकित्सा और काउंसलिंग सतत और नियमित उपचार की आवश्यकता होती है। आपको अपने विशेषज्ञ के साथ निरंतर संपर्क में रहना चाहिए ताकि वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करते रहें और आगे आवश्यक चरणों को निर्देशित करें।

इसलिए, तनाव से निपटने के लिए अपने निकटतम मनोचिकित्सक या काउंसलर से संपर्क करें और उनसे मदद लें।

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